भाजपा कार्यालय उद्घाटन से पहले ही शुरू हुआ विवाद,जाने क्या

तहलका न्यूज,बीकानेर। अनुशासित पार्टी का झंडा लेकर आमजन को एकजुटता का स ंदेश देने वाली भाजपा में कितनी एकजुटता है,इसकी बानगी भाजपा के कार्यालय उद्घाटन के निमंत्रण पत्र में ही देखी जा सकती है। जिसमें शहर की प्रथम नागरिक की वरियता को ही दरकिनार कर आपसी अन्र्तकलह का संदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि 11 मई को होने वाले भाजपा के नवनिर्मित कार्यालय के उद्घाटन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आ रहे है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष कर रहे है। इसके निमंत्रण पत्र में सभी सांसद,विधायकों को बतौर अतिथि के रूप में दर्शाया गया है। लेकिन बीकानेर की प्रथम नागरिक को जिस तरह तरजीह नहीं दी गई है। उसको लेक र अब चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। राजनीतिक जानकार इसको अखिलेश प्रताप सिंह के सभापति की कुर्सी छिनने वाले घटनाक्रम से जोड़ रहे है। उनका मानना है कि महापौर के ससुर उस समय विरोधी खेमे में खड़े थे और सभापति पद से अखिलेश को पदच्युत करने में उनकी अहम भूमिका रही। हालांकि इस बात में कितनी सत्यता है। इस पर राजनीतिक जानकार खुलकर नहीं बोल रहे है। फिर भी निमंत्रण कार्ड में शहर के प्रथम नागरिक की उपस्थिति नदारद होना कही न कही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है। अंदरखाने की बात तो यह है कि भाजपा के सोशल मीडिया ग्रुपों में भी इस बात का भयंकर विरोध किया जा रहा है। निमंत्रण कार्ड में नाम की नदारदगी का बवाल अब प्रदेश व राष्ट्र स्तर के संगठन पदाधिकारियों के पास पहुंच गया है। वहीं आखातीज को एक पार्षद द्वारा पार्टी कार्यक्रमों की सूचना नहीं देने के आरोप को भी बल मिल गया है। कार्ड न छपने की कार्यवाही से कही न कही विरोधियों को भी जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका मिल गया है।



